उत्तर प्रदेश सरकार ने नोएडा में जेपी कंपनी के अधूरे फ्लैट्स को पूरा करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. सरकार ने जेपी इन्फ्राटेक के अधूरे प्रोजक्ट को पूरा करने के लिए एक कमेटी का गठन किया है, जो कि YEIDA के साथ मिलकर अधूरे प्रोजक्ट को पूरा करने और लोगों को उनका घर दिलाने में मदद करेगी. YEIDA, 15 दिनों के भीतर डेवलपर को चुन कर प्रोजक्ट पर काम करेगा. इस प्रोजेक्ट के पूरा होने से 46,00 घर खरीदारों को फायदा होगा.
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने जेएएल द्वारा दायर मामले की सुनवाई की, जिसमें हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की मांग की गई थी. भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अगुवाई वाली पीठ ने हाईकोर्ट के 10 मार्च के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया और सरकार को जल्द से जल्द मामले को निपटाने के लिए आदेश दिया.ये फ्लैट्स जेपी इन्फ्राटेक कंपनी ने शुरू किए थे, लेकिन कंपनी की माली हालत खराब होने की वजह से ये प्रोजेक्ट अधूरे रह गए. इससे हजारों लोग, जिन्होंने अपने सपनों का घर खरीदने के लिए पैसे लगाए थे, परेशान हैं. अब सरकार ने फैसला किया है कि इन फ्लैट्स को पूरा करने की जिम्मेदारी किसी नए डेवलपर को दी जाएगी.
जेपी के प्रोजेक्ट्स होंगे शुरू
जेपी के इन प्रोजेक्ट्स में फ्लैट्स खरीदने वाले लोग लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं. उनकी शिकायत थी कि पैसे देने के बाद भी उन्हें घर नहीं मिला. कमेटी और YEIDA मिलकर ये भी देखेंगे कि नए डेवलपर के पास पर्याप्त संसाधन हों, ताकि प्रोजेक्ट में कोई और देरी न हो. सरकार का कहना है कि ये कदम लोगों के हित में उठाया गया है, ताकि नोएडा में फंसे जेपी फ्लैट्स का मसला जल्द सुलझ जाए. इससे न सिर्फ खरीदारों को राहत मिलेगी, बल्कि इलाके की रियल एस्टेट मार्केट को भी फायदा
कोर्ट ने तय की समय सीमा
कोर्ट ने कहा कि जो प्रोजेक्ट पहले से ही 75% पूरे हो चुके हैं, उन्हें एक साल के भीतर पूरा करना होगा. 50% पूरे होने वाले प्रोजेक्ट को 18 महीने की समयसीमा दी गई है, जबकि केवल 25% पूरे होने वाले प्रोजेक्ट को 30 महीने में पूरा करना है, जबकि बाकी सभी प्रोजेक्ट को 36 महीने के भीतर पूरा करना होगा.